जयपुर। दिल्ली किसान आन्दोलन को समर्थन देते हुए राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग ने जयपुर में गांधीगिरी के रासते पर चलते हुए लोगों को गुलाब के फूल देकर विनम्रता से हाथ जोडकर बाज़ारों को बंद करवाया।
देशभर के किसान संगठनों ने मंगलवार, 8 दिसंबर को भारत बंद आह्वान किया। इसमें राजस्थान समेत कई राज्यों के किसान संगठन शामिल हैं। ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमिटी के बैनर तले बुलाए गए भारत बंद में देशभर के 400 से ज्यादा किसान संगठन शामिल हैं। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत दर्जन भर राजनीतिक दलों ने भी बंद का समर्थन किया है। किसानों को समर्थन देते हुए राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन आबिद कागज़ी ने गाँधी गिरी का रास्ता अपनाते हुए वह अपने साथी कार्यकर्ताओं के साथ सड़कों पर निकले और लोगों को गुलाब के फूल देकर उनसे हाथ जोड़कर विनम्रता से आग्रह करते हुए बाज़ार बंद करने के लिए कहा जिसको दुकानदारों ने खूब सराहा और आबिद कागजी की गांधीगिरी को देखते हुए लोगों ने स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठान बंद किये चेयरमैन आबिद कागज़ी ने जयपुर में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से अपने अनेकों कार्यकर्ताओं के साथ गांधीगिरी की शुरुआत की और चांदपोल, लोहामंडी ,सिविल लाइन्स सहित जयपुर के कई बाज़ारों में दुकानदारों को गुलाब के फूल देकर बाज़ार बंद करवाए।राजधानी जयपुर में कागजी ने कार्यकर्ताओं की कई टोलियाँ बनाकर अलग अलग क्षेत्रों जैसे घाटगेट में फिरोज गौरी सडवे में नौशाद, सरताज और इरफान पठान, जाकिर भाई ने झोटवाडा सहित अनेकों क्षेत्रों में बाज़ारों को बंद करवाया राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन आबिद कागजी के आह्वान पर पुरे प्रदेश में कार्यकर्ताओं ने गाँधी गिरी के रास्ते पर चलते हुए दुकानदारों से विनम्रता करते हुए बाज़ारों को बंद करवाया और पुरे प्रदेश अल्पसंख्यक विभाग की इए मुहीम का लोगों से खूब समर्थन मिला चेयरमैन कागजी ने भारत सरकार द्वारा बनाये गए किसान विरोधी काले कानून का विरोध करते हुए कहा की किसान हमारा अन्नदाता हे दिन रात खेतों पर कडी मेहनत करके हमारे लिए अन्न उगाता हे इस तरह का काला कानून किसी भी तरह से किसानों के समर्थन में नहींहो सकता ये कानून पूरी तरह से किसान विरोधी हे और कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग इस काले कानून का पूरी तरह से विरोध करता हे ओर भारत सरकार से मांग करता हे की सरकार इस काले कानून को वापिस ले।
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