भारत का तेजी से उभरता हुआ फेथ-टेक प्लैटफॉर्म वामा ऍप (VAMA.app) ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यह अब बिहार के सीतामढ़ी में स्थित माता जानकी (सीता) के पवित्र जन्मस्थल पुनौरा धाम मंदिर के वर्चुअल दर्शन कराने वाला पहला डिजिटल मंच बन गया है। यह अभूतपूर्व पहल इस महत्वपूर्ण तीर्थस्थल के सबसे पहले डिजिटल उपस्थिति का प्रतीक है, जो दुनियाभर के भक्तों को पवित्र अनुष्ठानों और कार्यक्रमों में भाग लेने में सक्षम बनाएगा।
इस ऐतिहासिक भागीदारी का उद्घाटन सीता ऑडिटोरियम में प्रसिद्ध भक्ति सम्राट रसराज जी महाराज द्वारा एक लाइव-स्ट्रीम सुंदरकांड पाठ के साथ किया गया, जिसे प्रतिष्ठित धार्मिक और जन नेताओं ने देखा। यह कार्यक्रम संयुक्त रूप से पुनौरा जन्मभूमि मंदिर न्यास ट्रस्ट और वामा ऍप की ओर से आयोजित किया गया। यह पवित्र स्थल अब एक विस्तृत डिजिटल आध्यात्मिक सेवाओं का हिस्सा बन गया है।
जिला एंव सत्र न्यायालय जज कन्हैया जी चौधरी के साथ महंत कौशल किशोर दास, महंत डॉ सुखदेव दास और विधायक मिथिलेश कुमार ने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का दीप प्रज्वलन से उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में मनोहारी भजन और सुंदरकांड पाठ का संगम हुआ, जो परंपरा और तकनीक का एक आदर्श मिश्रण था। उद्घाटन समारोह में मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष मनमोहन कौशिक, नगर निगम के उप महापौर आशुतोष कुमार, भाजपा के जिलाध्यक्ष मनीष कुमार, महंत राम उदर दास सहित अन्य गणमान्य ने भाग लिया।
इस नई साझेदारी पर बात करते हुए, वामा ऍप के सह-संस्थापक आचार्य देव ने कहा, "वामा में हम भारत के प्रतिष्ठित मंदिरों को डिजिटल युग में लाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। एक समय में एक पवित्र स्थल को जोड़ा जा रहा है। पुनौरा धाम को शामिल करना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे पूरे देश में माता सीता के जन्म स्थान के रूप में पूजा जाता है। यह साझेदारी विशिष्ट डिजिटल एकीकरण से परे है - यह हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक को दुनिया भर के भक्तों के लिए सुलभ बनाने के बारे में है। हमारे प्लेटफॉर्म के माध्यम से भक्त अब दर्शन, पूजा और लाइव इवेंट्स में भाग ले सकते हैं। यह प्राचीन परंपराओं और आधुनिक पहुंच के बीच एक सेतु बनाता है। सुंदरकांड पाठ के लिए मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया से पता चलता है कि हमारी पवित्र परंपराओं के साथ प्रौद्योगिकी (टेक्नोलॉजी) के विचारशील एकीकरण के माध्यम से गहरा आध्यात्मिक संबंध संभव है।"
पुनौरा धाम जानकी जन्मभूमि मंदिर के महंत श्री कौशल किशोर दास ने कहा, "वामा में हमें एक ऐसा सहयोगी मिला है जो वास्तव में आस्था के सार और आधुनिक दुनिया में उसके स्थान को समझता है। परंपराओं के लिए उनका गहरा सम्मान, उनकी तकनीकी विशेषज्ञता के साथ मिलकर, जानकी जन्मभूमि के लिए हमारे दृष्टिकोण के साथ पूरी तरह से जुड़ता है। हम इस सहयोग से बेहद खुश हैं क्योंकि इससे हमें माता सीता के जन्मस्थान की पवित्रता बनाए रखते हुए विश्व स्तर पर भक्तों तक पहुंचने में मदद मिलेगी। हमारे डिजिटल उद्घाटन कार्यक्रम के लिए मिली उल्लेखनीय प्रतिक्रिया दर्शाती है कि यह साझेदारी आध्यात्मिक संबंध के लिए नए मार्ग खोलेगी साथ ही हमारी पवित्र विरासत को संरक्षित करेगी।"
साल 2020 में अपनी स्थापना के बाद से वामा ने तीव्र वृद्धि का अनुभव किया है। वर्तमान में 300 से अधिक मंदिरों और 300+ ज्योतिषियों के साथ साझेदारी पर वामा को गर्व है। यह मंच ऑनलाइन पूजा बुकिंग, ज्योतिषीय परामर्श और आध्यात्मिक उत्पादों के लिए एक ई-कॉमर्स बाजार सहित व्यापक सेवाएं प्रदान करता है। करीब 3 मिलियन यूएस डॉलर (लगभग 25 करोड़) के वार्षिक राजस्व रन रेट के साथ वामा भारत में डिजिटल आध्यात्मिक क्रांति में सबसे आगे है।वामा मंदिर भागीदारी के अपने नेटवर्क का विस्तार करते हुए डिजिटल युग में आध्यात्मिक जुड़ाव के परिदृश्य को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार है। मंच का नवप्रवर्तनशील दृष्टिकोण न केवल तकनीक-सक्षम युवा पीढ़ी को पूरा करता है बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि भारत की आध्यात्मिक परंपराओं का सार आधुनिक दुनिया में जीवंत और सुलभ बना रहे।
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